ज्ञान, विज्ञान और कला साहित्य में, फिर चमके हिंदुस्तान रे - सरस्वती वंदना हंस वाहिनी, …
कलम, आज उनकी जय बोल जला अस्थियाँ बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो चढ़ गये पुण्यवे…
होली है तो आज - हरिवंश राय बच्चन| होली पर कविता 2021 यह मिट्टी की चतुराई है, रूप अलग…
सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना श्रम की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती पुलिस…
असंभव से संभव तक - कविता कश्तियां कहाँ मना करती है तूफानों से टकराने को वो मांझी ही …
रामधारी सिंह दिनकर जी की रचनाएँ एक हाथ में कमल, एक में धर्मदीप्त विज्ञान, ले कर उठनेवा…
मैं क्यों खुद को बदलूँ - बदलाव पर कविता मैं, मैं हूँ और सदा मैं ही रहूँ ! मैं क्यों …