अब मत मेरा निर्माण करो – हरिवंशराय बच्चन

अब मत मेरा निर्माण करो – हरिवंशराय बच्चन

तुमने न बना मुझको पाया,
युग-युग बीते, मैं न घबराया;
भूलो मेरी विह्वलता को,
निज लज्जा का तो ध्यान करो!

इस पार – उस पार | हरिवंश राय बच्चन

इस पार – उस पार | हरिवंश राय बच्चन

इस पार, प्रिये, मधु है तुम हो,
उस पार न जाने क्या होगा
यह चाँद उदित होकर नभ में
कुछ ताप मिटाता जीवन का

अपने ही मन से कुछ बोलें – अटल बिहारी वाजपेयी

अपने ही मन से कुछ बोलें – अटल बिहारी वाजपेयी

क्या खोया, क्या पाया जग में
मिलते और बिछुड़ते मग में
मुझे किसी से नहीं शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में

Hindi Kavita: अगर कहीं मैं घोड़ा होता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

Hindi Kavita: अगर कहीं मैं घोड़ा होता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

अगर कहीं मैं घोड़ा होता
वह भी लंबा चौड़ा होता
तुम्हें पीठ पर बैठा कर के
बहुत तेज मैं दौड़ा होता

Maa Par Kavita in Hindi | माँ की ममता जग से न्यारी | शम्भूनाथ तिवारी
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Maa Par Kavita in Hindi | माँ की ममता जग से न्यारी | शम्भूनाथ तिवारी

अगर कभी मैं रूठ गया तो,
माँ ने बहुत स्नेह से सींचा।
कितनी बड़ी शरारत पर भी,
जिसने कान कभी ना खीँचा।

Holi Poem in Hindi: काश ऐसी हो अब की होली
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Holi Poem in Hindi: काश ऐसी हो अब की होली

त्योहारों का देश हमारा
होली हमारा बड़ा त्यौहार
बजट बिगड़ जाता त्योहारों में
पर बिना बजट का यह त्यौहार

Motivational Kavita in Hindi | जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता

Motivational Kavita in Hindi | जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता

तुमने न बना मुझको पाया,
युग-युग बीते तुमने मै न घबराया,
भूलो मेरी विह्लता को,
निज लज्जा का तो ध्यान करो

सब कुछ बिकता है | हरिवंश राय बच्चन

सब कुछ बिकता है | हरिवंश राय बच्चन

यहाँ सब कुछ बिकत है,
दोस्तों रहना जरा संभाल के!
बेचने वाले हवा भी बेच देते है,
गुब्बारों में डाल के!!